बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन
प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
ब्रिटिश दलीय प्रणाली के लक्षण लिखिये।
उत्तर -
(Salient features of British Party System)
ब्रिटिश दल पद्धति की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित हैं-
1. राजनैतिक व्यवस्था में दलों की अनिवार्यता (Parties are inevitable in Political System) - ब्रिटेन को लोकतांत्रिक प्रणाली का जन्मदाता कहा जाता है। ब्रिटेन के अनुभव संचालन राजनैतिक दलों के द्वारा होता है। दल "मतदाता दलों के माध्यम से अपनी पसंद व्यक्त
से ही यह सिद्धान्त सुप्रतिष्ठित हुआ कि लोकतंत्र का लोकतंत्र में अपरिहार्य हैं। बटलर एवं स्टेक्स का मत है करने में सक्षम होता है जो सार्वभौमिक मताधिकार का मुख्य उद्देश्य है।' ब्रिटिश सरकार के स्वरूप में बुनियादी अन्तर दृष्टिगोचर होने लगेगा यदि राजनैतिक क्षितिज से दल अनुपस्थित होंगे।
संसदीय प्रजातंत्र की सफलता ही राजनैतिक दलों पर निर्भर होती है। ब्रिटिश व्यवस्था में भी सांसद दलगत आधार पर निर्वाचित होते हैं। जिस दल को कामन्स सभा में बहुमत प्राप्त होता है, उसे ही सरकार बनाने का अधिकार है। दल पद्धति के ही कारण 'मंत्रिमंडलीय उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सका है। रैमजे म्योर स्पष्ट करते हैं "यह एक दल का नेतृत्व ही है जो प्रधानमंत्री को व्यापक शक्तियों को देता है। यह दल की सामूहिक सदस्यता ही है जो कैबिनेट के चरित्र को एकता एवं उद्देश्य प्रदान करती है। यह 'हाउस आफ कामन्स में दल का संगठित समर्थन ही है जो मंत्रिमंडल को अपना कार्य करने के योग्य बनाता है।
2. द्विदलीय व्यवस्था ( Dual Arrangement of Parties) - एक आदर्श संसदीय व्यवस्था केवल दलों का ही प्रतिपादन नहीं करती वरन द्विदलीय व्यवस्था को सर्वोत्तम मानती है। आज से आठ दशक पहले लावेल ने कहा था- "दो दल और केवल दो दलों की व्यवस्था से ही सरकार में संसदीय स्वरूप द्वारा स्थायी रूप से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।' ब्रिटेन के इतिहास में एक लम्बे समय से द्विदलीय व्यवस्था रही है जैसे लंकास्ट्रियन एवं यार्किस्ट कैवेलियर्स एवं राउन्डहेड्स, व्हिग्स एवं टोरीज, अनुदारवादी एवं उदारवादी एवं अनुदारवादी एवं श्रमिक दल, यद्यपि समय-समय पर अनेक छोटे- छोटे दल भी अस्तित्व में आते रहे जैसे रैडिकल्स, पीलाइट्स लिबरल यूनियनिस्ट्स लिबरल नेशनलिस्ट्स, कोपरेटिव पार्टी, इंडिपेन्डेन्ट लेबर पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी, ब्रिटिश नेशनल पार्टी, एवं अल्स्टर यूनियनिस्ट पार्टी, परन्तु राजनीति में प्रभावी दल सदैव दो ही रहे हैं। जेनिंग्स के शब्दों में, "द्विदलीय व्यवस्था को अपनाना ग्रेट ब्रिटेन के लिए एक स्वाभाविक प्रवृत्ति रही है। छोटे दल या तो बड़े दलों में मिल गये या उनके साथ ही रहकर अपना अस्तित्व बचा पाये। यद्यपि मुख्य दलों का परिवर्तन होता रहा जैसे पहले लिबरल पार्टी प्रभावी थी बाद में श्रमिक दल प्रभावी रहा। परन्तु मुख्य प्रभावी दल सदैव दो ही रहे।
ब्रिटेन में द्विदल पद्धति का समर्थन अधिकतर विचारकों न किया है। इसके प्रतिनिधि समर्थक एच. जे. लास्की कहे जा सकते हैं। इसके विपरीत रैम्जे म्योर मानते हैं कि लोकमत की समुचित अभिव्यक्ति के लिए ब्रिटेन में बहुदलीय या कम से कम त्रिदलीय प्रणाली होना चाहिए।
द्विदलीय प्रणाली के समर्थक अपने पक्ष में निम्नांकित तर्क देते हैं.
प्रथम, द्विदलीय पद्धति में सरकार के संगठन व संचालन में सरलता रहती है।
द्वितीय, इसमें राजनैतिक स्थिरता रहती है।
तृतीय, इस प्रणाली में सरकार, प्रशासकीय एवं संयुक्त उत्तरदायित्व को अच्छी तरह से पूरा करने में समर्थ होती है।
चतुर्थ, इस पद्धति से मंत्रिमण्डल में राजनीतिक एकता की भावना आई है।
पांचवें, द्विदलीय पद्धति ने सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना का भी विकास किया है।
छठा, विरोध पक्ष नकारात्मक भूमिका नहीं निभाता वरन् सरकार का विकल्प बनने की चेष्टा कर सकारात्मक भूमिका निभाता है।
इसके विपरीत बहुदलीय प्रणली में सरकारें संयुक्त बनती हैं, वे स्थाई नहीं होती दलीय स्वार्थ राष्ट्र हित पर हावी हो जाते हैं। राजनैतिक स्थिरता के अभाव में दीर्घकालीन नीतियाँ नहीं बन पाती। इनसे प्रशासन प्रभावित रहता है। यद्यपि बहुदलीय प्रणाली के समर्थक मानते हैं कि बहुदलीय पद्धति में मतदाताओं के सामने कई विकल्प होते हैं। यह लोकतंत्र को अधिक व्यापक बनाती है।
द्विदलीय पद्धति की भी आलोचना की जाती है। आलोचक मानते हैं कि द्विदलीय पद्धति दलीय तानाशाही को जन्म देती है। मतदाताओं को सीमित पसंद के आधार पर ही मतदान करना पड़ता है। परन्तु द्विदलीय पद्धति राष्ट्र को स्थिर सरकार प्रदान करती है। इनके समक्ष इसके दोष बहुत सीमित दिखते हैं। सर आइवर जेनिंग्स का मत है - "सम्पूर्ण संविधान निर्वाचन प्रणाली से लेकर संसदीय प्रक्रिया तक दो राजनैतिक दलों की पद्धति को मानकर चलता है और यही मान्यता इस पद्धति का बनाये रखती है।'
3. केन्द्रीयकरण (Centralization ) - ग्रेट ब्रिटेन में दल अत्यधिक केन्द्रीभूत संगठन है। स्थानीय स्तर पर दलों को चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करने का अधिकार है परन्तु अंतिम निर्णय केन्द्रीय नेतृत्व लेता है। स्थानीय नेतृत्व केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देशों को मानने के लिए बाध्य होता है। चुनाव भी एक नेता के निर्देश में लड़ा जाता है।
4. दलीय अनुशासन (Party Discipline) - ब्रिटेन में दलीय अनुशासन वहाँ की दल पद्धति की प्रमुख विशेषता है। दलीय अनुशासन के कारण ही वहां सरकार न केवल स्थिर रहती है वरन मंत्रिमंडल के सारे निर्णय बहुमत से पारित होते हैं। यदि कोई सदस्य सरकार की किसी नीति से सहमत भी नहीं है तो भी वह मतदान सरकार के पक्ष में करने को बाध्य होता है। अन्यथा उसे दल की सदस्यता से हाथ धोना पड़ता है। ब्रिटिश जनमत भी दलीय निष्ठा को स्वीकार करता है।
5. सक्रियता (Activeness) - ब्रिटिश राजनैतिक दल केवल निर्वाचन के समय सक्रिय नहीं रहते वे दो संसदीय निर्वाचनों के बीच भी अपनी गतिविधियों को जनता के मध्य सक्रिय रखते हैं। इस अवधि में दल सम्मेलन आयोजित करते हैं, स्थानीय चुनावों में भाग लेते हैं, लोकमत को विभिन्न समस्याओं पर अपने दृष्टिकोण से परिचित कराने के लिए साहित्य का वितरण करते हैं और सांसदों व मंत्रिमंडल का जनता से सम्पर्क बनाये रखते हैं।
6. विपक्ष को उचित सम्मान (Proper Honour to Opposition ) - ब्रिटेन में विपक्ष को समुचित सम्मान प्राप्त है। सरकार व विपक्ष दोनों ही वहां 'महामहिम' कहलाते हैं। विपक्ष के नेता को संसद में कैबिनेट स्तर के मंत्री का स्थान प्राप्त होता है। विपक्ष का नेता प्रधानमंत्री के सामने बैठता है और छाया मंत्रिमंडल का निर्माण करता है। विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाता है और वैकल्पिक सरकार देने को तत्पर रहता है।
7. विभाजित प्रभाव क्षेत्र - ब्रिटेन में दलों का प्रभाव क्षेत्र बंटा हुआ है। जैसे श्रमिक दल का वेल्स, स्काटलैण्ड, उत्तरी इंग्लैंड तथा मिडलैण्ड के औद्योगिक क्षेत्रों में मजबूत आधार है। अनुदार दल का बड़े शहरों के सम्पन्न क्षेत्रों में उत्तरी आयरलैण्ड (जहाँ अनुदार दल को अल्स्टर यूनियनिस्ट के नाम से जाना जाता है), उत्तरी स्काटलैण्ड, दक्षिणी और उत्तरी इंग्लैण्ड तथा कृषि फार्मों के क्षेत्रों में सुदृढ़ आधार है। लिबरल पार्टी का समर्थन मुख्यतः वेल्स, कम्बरलैण्ड तथा क्रामवेल के 'सेल्टिक फ्रिज' में हैं।
ब्रिटेन में बहुवर्गीय समान है। कोई भी दल किन्ही विशेष वर्गों के पूरे समर्थन का दावा नहीं कर सकता।
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- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
- प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
- प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
- प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
- प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
- प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
- प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
- प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
- प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
- प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
- प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।